दैनिक समसामयिकी 27 December 2017
1.दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनामी बनेगा भारत
• भारत में एनडीए सरकार के आर्थिक सुधार का असर दिखने लगा है। इन सुधारों के बूते भारत की अर्थव्यवस्था वर्ष 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस को पछाड़ सकती है। वैश्विक शोध एजेंसी सीईबीआर की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत अगले साल विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।
• सुधारों से आएगी मजबूती : सेंटर फार इकनामिक एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) कंसल्टेंसी के 2018 र्वल्ड इकोनामिक लीग टेबल में ऊर्जा एवं तकनीक के सस्ते साधनों की बदौलत नियंतण्र अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि का अनुमान जताया गया है।
• चूंकि भारत भी इसी तरह के सुधारों पर आगे बढ़ रहा है इससे अगले 15 वर्षो तक शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में एशियाई देशों का दबदबा बढ़ता रहेगा।
• अमेरिका को पछाड़ देगा चीन : रपट में कहा गया है कि चीन वर्ष 2032 में अमेरिका को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है। पिछले कुछ समय से ब्रिटेन फ्रांस से पिछड़ता दिखाई दे रहा है लेकिन ब्रिटेन पर ब्रेग्जिट का असर आशंका से कम होगा।
• लिहाजा ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि वर्ष 2020 तक यह फ्रांस को फिर से पछाड़ देगा।रिपोर्ट में कच्चे तेल की गिरती कीमतों के कारण रूस की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ने की आशंका जताई गई है जो अपनी वृद्धि के लिए ऊर्जा क्षेत्र पर काफी हद तक निर्भर है।
• रूस वर्ष 2032 तक 11वें स्थान से गिरकर 17वें स्थान पर आ सकता है।
2. पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच मध्यस्थ बनना चाहता है चीन
• अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती भूमिका से चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। चीन मध्यस्थ बनकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनातनी को दूर कर युद्ध प्रभावित इस देश में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहता है।
• इसी प्रयास में चीन ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों को बीजिंग आमंत्रित किया और मंगलवार को उनके साथ पहली त्रिपक्षीय बैठक की। गौरतलब है कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के दूत ने पाकिस्तान पर डूरंड सीमा पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया था।
• पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस बैठक में तीनों देशों के बीच विकास, सुरक्षा और आतंकवाद के रोकथाम के मसले पर चर्चा हुई। इस बात को लेकर सहमति बनी कि किसी भी देश, समूह या व्यक्ति को अपने क्षेत्र का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं करने दिया जाएगा।
• तीनों पक्षों ने आतंकवाद के खतरे से मुकाबले के अपने संकल्प को दोहराया। तीनों देशों में इस साल जून में त्रिपक्षीय वार्ता की सहमति बनी थी। इसी के तहत चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष ख्वाजा मुहम्मद आसिफ और अफगानिस्तानी समकक्ष सलाहुद्दीन रब्बानी के साथ पहली बैठक की।
• तीनों विदेश मंत्रियों में सभी आतंकी संगठनों से मुकाबले में बिना किसी भेदभाव के आतंक रोधी समन्वय और सहयोग को मजबूत करने पर सहमति भी बनी।
3. ताइवान ने चीनी सैन्य अभ्यास को बताया बड़ा खतरा
• ताइवान और चीन से तनातनी बढ़ती जा रही है। ताइवान ने चीन के हालिया सैन्य अभ्यास को देश के लिए खतरा बताया है। ज्ञात हो, चीन ने इस साल ताइवान के इर्द-गिर्द 20 सैन्य अभ्यास किए हैं। 2016 में यह संख्या आठ थी। चीन ने ताजा अभ्यास एक हफ्ते पहले ही पूरा किया है जिसमें चीन के लड़ाकू सहित अन्य विमानों ने हिस्सा लिया।
• ताइवान की ओर मंगलवार को अपनी 14वीं वार्षिक सुरक्षा समीक्षा रिपोर्ट जारी की गई। इसमें चीन से मिल रही चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की गई है। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग कर चीन में मिलाने की धमकी देता रहा है।
• ताइवान के रक्षामंत्री फेंग शी-कुआन ने कहा, ‘ताइवान रक्षा बजट और सैन्य विकास में चीन का मुकाबला नहीं कर सकता है।’
• ताइवान की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, वामपंथी शासन वाले देश चीन की सेना में करीब 20 लाख सैनिक हैं जबकि ताइवान के पास मात्र दो लाख दस हजार सैनिक। रक्षामंत्री फेंग शी-कुआन ने कहा कि ताइवान अपनी सीमित क्षमता के बावजूद चीन से मुकाबले के लिए अपनी सैन्य रणनीति पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
• चीन के जवाब में ताइवान ने अपनी साइबर आर्मी कमांड खड़ी कर ली है। इस कमांड में वर्तमान में एक हजार लोग हैं।
• बता दें कि 1949 में हुए गृहयुद्ध के बाद ताइवान चीन से अलग हो गया था। हालांकि ताइवान एक स्वशासित लोकतंत्र है लेकिन उसने औपचारिक रूप से अपनी स्वतंत्रता की कभी घोषणा नहीं की है।
• साई इंग-वेन के ताइवानी राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद से चीन ताइवान के सटे इलाकों में लगातार सैन्य अभ्यास कर रहा है। ताइवान ने ‘वन चाइना’ नीति को मानने से इन्कार कर दिया है।
4. चीन ने किया दूरसंवेदी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण
• चीन ने विद्युत चुंबकीय पर्यावरणीय जांच के लिए
आज एक दूरसंवेदी